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मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना

महिला किसान केवल एक क्लिक करते हुए मुफ्त बीज वितरण योजना का फायदा कैसे उठाएं

महिला किसान केवल एक क्लिक करते हुए मुफ्त बीज वितरण योजना का फायदा कैसे उठाएं

हम सभी को लगता है, कि खेती करना एक आसान काम है। लेकिन ऐसा नहीं है, कृषि में एक बार फसल लगा लेने के बाद उत्पादन लाने के लिए बहुत सी चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। इस काम में किसानों की मेहनत-मजदूरी से लेकर मिट्टी, मौसम, तकनीक, विधि, प्रबंधन, उर्वरक, कीटनाशक, मजदूरी, मेहनत, निगरानी, सिंचाई या फिर कटाई करने का तरीका। इन सभी कामों को बेहतर ढंग से करके आप अच्छे परिणाम हासिल कर सकते हैं, लेकिन इस बीच जो बेहद जरूरी है। वह है कृषि उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला भी। अगर बीज नहीं होगा तो फसल उत्पादन करना संभव ही नहीं है। कृषि एक्सपर्ट की मानें तो जिस तरह से एक अच्छा घर बनाने के लिए नीम की मजबूती मायने रखती है। ठीक उसी तरह एक अच्छी फसल के लिए स्वस्थ और उन्नत बीज होना बेहद जरूरी है। बीज की क्वालिटी जितनी ज्यादा अच्छी होगी। उत्पादन भी उतना ही अच्छा होता है। साथ ही अगर किसान अच्छी क्वालिटी का बीज नहीं उग आते हैं, तो उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर सकता है। बाजार में देसी और हाइब्रिड बीज अच्छे दामों पर मिलते हैं। कृषि विशेषज्ञ और सरकार भी इन बीजों को सस्ते दामों पर उपलब्ध करवाती है। इन सबके बीच राजस्थान सरकार ने एक बहुत ही कमाल की पहल की है, जिसमें खेती के लिए तमाम फसलों के बीज सरकार द्वारा मुफ्त बांटे जा रहे हैं। यह काम मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत किया जाता है। इस स्कीम के जरिए राज्य की सरकार महिला सशक्तिकरण का काम भी कर रही है। यानी इस स्कीम का लाभ सिर्फ महिला किसान या किसान परिवारों की महिला सदस्यों को दिया जाता है। ताकि कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जा सके और उन्हें आत्मनिर्भर बना सकें।

मुफ्त बीज वितरण योजना

राजस्थान सरकारों ने किसानों की मदद करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना चलाई है। जिसके तहत कृषि से जुड़े हुए सभी कार्यक्रमों के जरिए किसानों को लाभ दिया जाएगा।
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इस स्कीम के तहत राजस्थान मिलिट्स प्रोत्साहन मिशन और राजस्थान बीज उत्पादन और वितरण कार्यक्रम भी शामिल है। जिसके तहत राज्य की महिला किसानों या किसान परिवारों की महिला सदस्यों को दलहन और मोटे अनाजों के बीजों की मिनीकिट दी जाती है। ताकि वो इन बीजों से खेती करके आत्मनिर्भर बन सके। इस स्कीम के तहत प्रमुख तौर पर मूंग, मोठ, उड़द, सरसों, ज्वार, जई, बाजरा समेत कई फसल के बीजों की मिनी किट निशुल्क दी जाती है।

कौन उठा सकता है योजना के तहत लाभ

राजस्थान में महिला किसानों और किसान परिवारों की महिला सदस्यों को बीजों की एक मिनीकिट मुफ्त में वितरित की जा रही है। इस योजना के तहत प्राथमिकता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाली महिला किसान को दी गई है। लेकिन महिला के पिता, पति, ससुर के नाम से जमीन हो, या किसान परिवार की सदस्य हो, तब भी आवेदन करने पर सरकार की तरफ से बीज की मिनीकिट उपलब्ध करवाई जाती है।

कैसे मिलेंगे योजना के तहत मुफ्त बीज

इस योजना का मुख्य उद्देश्य महिला किसानों को आर्थिक बल देना है। इस योजना का लाभ रबी और खरीफ सीजन की शुरुआत में दिया जाता है। जिले में कृषि विभाग के अधिकारी या कृषि पर्यवेक्षक महिलाओं को बीजों की मिनीकिट मुफ्त में वितरित करते हैं। इसके लिए महिला को अपना जन आधार कार्ड दिखाना होता है। अगर आप भी राजस्थान में रहती हैं और महिला किसान हैं या फिर किसान परिवार की महिला हैं। आप अपने जिले में ही स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर इसके बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं। इसके अलावा अगर आप घर बैठे जानकारी लेना चाहते हैं। सरकार की तरफ से टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। जो है 1800-180-1551 यहां पर कॉल करते हुए आप आगामी बीज वितरण कार्यक्रम के बारे में सारी जानकारी ले सकते हैं।

महिला किसानों को मिला आर्थिक संबल

किसी राज्य में महिला किसानों के लिए चलाई जा रही सबसे खास योजनाओं में एक राजस्थान सरकार की बीजों की निशुल्क मिनीकिट वितरण योजना भी है। इस स्कीम का लाभ लेने वाली महिला किसानों को कहना है, कि कई बार खेती के लिए उनके पास पैसे नहीं होते। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती थी और खेती करने में परेशानी होती थी। लेकिन आज सरकार की योजना से आर्थिक संबल मिलने के बाद खाली खेतों भी हरियाली से लहलहा उठे हैं।
इन राज्यों की सरकारें खेत के चारों तरफ ताराबंदी करवाने के लिए दे रही हैं सब्सिडी

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एक बार फसल उत्पादन के बाद उसकी देखरेख में भी किसानों को बहुत ज्यादा समय और धन राशि लगाने की जरूरत होती है। कभी-कभी छोटी-मोटी दुर्घटनाओं या फिर प्राकृतिक कारणों से पूरी की पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। जिसका पूरा नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है। आजकल हम देख रहे हैं, कि देश में बहुत से लाखों से आवारा पशुओं की संख्या बढ़ने की खबर आती रहती है। यह पशु इधर-उधर किसी आश्रय की तलाश में घूमते रहते हैं। जब नहीं भूख लगती है, तो ज्यादातर ये खेतों की ओर अपना रुख करते हैं। भूखे पशुओं के पास कोई चारा नहीं होता वह पूरी की पूरी फसल को खा जाते हैं या फिर बर्बाद कर देते हैं।
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सरकार समय-समय पर आवारा प्रश्नों के रहने के लिए भी कुछ ना कुछ सुविधा का इंतजाम करती रहती है। लेकिन साथ ही हमें खेतों में खड़ी हुई अपनी फसल को बचाने के लिए भी कुछ ना कुछ करने की जरूरत है। हाल ही, में राजस्थान सरकार ने इसका समाधान खोज निकाल लिया है। राजस्थान में चलाई जा रही मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना के तहत फसल सुरक्षा मिशन अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत खेत की तारबंदी के लिए नए मापदंड निर्धारित हुए हैं। इससे फसल की सुरक्षा करने में खास मदद मिलेगी।

फेंसिंग की ऊंचाई करवाएं 15 फीट ऊंचाई

किसानों के सुझावों पर अमल करते हुए राजस्थान सरकार ने फसल सुरक्षा मिशन के तहत तारबंदी के मापदंडों में बदलाव किया है। इस मामले में कृषि आयुक्त कानाराम शर्मा बताते हैं, कि अब किसान तारबंदी में 6 हॉरिजोंटल और 2 डायगोनल वायर के स्थान पर 5 होरिजेंटल और 2 डायगोनल के हिसाब से तारबंदी करा सकते हैं। अगर पहले की बात करें तो पहले 10 फीट की दूरी पर ही पिलर लगाकर ही तराबंदी करवाई जा सकती थी। लेकिन अब इस दूरी को बढ़ाकर 15 फीट कर दिया गया है। अब 15 फीट की दूरी पर पिलरों को स्थापित करके फेंसिंग की जा सकती है। पहले एक्स्ट्रा पिलर का सपोर्ट 10 वें पिलर पर दिया जाता था। लेकिन अब उसमें भी बदलाव करते हुए इसे 15वें पिलर पर कर दिया गया है।

किस हिसाब से मिलेगा अनुदान

अजय सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन की बात माने तो किसान या तो केवल अकेले ही या फिर किसानों का समूह बनाकर तारबंदी करवा सकते है। फसल सुरक्षा मिशन के तहत हर किसान को 400 रनिंग मीटर की सीमा तक की तारबंदी के लिए ही अनुदान दिया जाएगा। अगर आपके खेत की परिधि से ज्यादा है तो आपको खुद का खर्च करते हुए खेत के चारों ओर कच्ची पक्की दीवार या फिर तारबंदी करवानी होगी।

कितनी होगी अनुदान की राशि

  • मुख्यमंत्री कृषक साथी स्कीम के तहत फसल सुरक्षा मिशन 'तारबंदी योजना' में आवेदन करके किसान 40 से 60 फीसदी तक अनुदान ले सकते हैं।
  • लघु और सीमांत किसानों के लिए तारबंदी की लागत का 60% सब्सिडी यानी अधिकतम 48,000 रुपये का अनुदान दिए जाने की बात की गई है।
  • अन्य वर्ग के किसानों के लिए तारबंदी के खर्च पर 50% की सब्सिडी या 40,000 रुपये का अनुदान दिया जाएगा।

कहां करें आवेदन

अगर आप राजस्थान के किसान हैं और खुद की जमीन पर खेती करते हैं। तो आप जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में जाकर तारबंदी करवाने के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं। खेत की तारबंदी पर अनुदान लेने के लिए राज किसान पोर्टल rajkisan.rajasthan.gov.in पर भी आवेदन कर सकते हैं।